एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं? इन फीचर के साथ आपका ऐप बनेगा लाजवाब

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Last Updated on 6 October 2024 by Abhishek Gupta

एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं? आप अगर जानना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल में आपको Education App Kaise Banaye के बारे में जानकारी दी जाएगी।

क्या आप चाहते हैं कि, खुद का एजुकेशन ऐप आप तैयार करें, तो यह बहुत ही महत्वपूर्ण आर्टिकल आपके लिए रहने वाला है।

आपने ढेर सारे एजुकेशन ऐप्स आपको डाउनलोड भी किया होगा और हो सकता है कि, बहुत सारे ऐप को अपने इस्तेमाल भी किया होगा।

ऐसे में आपके मन में जरूर सवाल आ रहा होगा कि, क्या हम इसी प्रकार के ऐप को बना सकते हैं, तो आपको इसी के बारे में आज बताया जाएगा। इसके लिए एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं के इस आर्टिकल को आपको लास्ट तक पढ़ना होगा।

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एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं

यहां पर हम बात करेंगे कि, एजुकेशन एप डेवलपमेंट होता क्या है और इसके आपको क्या फायदे होते हैं। साथ ही फिर कैसे आप ऐप बना सकते हैं। चलिए अब शुरू करते हैं।

क्या खुद का एजुकेशन ऐप तैयार किया जा सकता है?

एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं में एक सवाल जो आपके मन में आ रहा होगा कि, क्या आप खुद का भी एजुकेशन ऐप बना सकते हैं। आपने देखा होगा ढेर सारे एजुकेशनल ऐप्स जैसे Byjus, Testbook इत्यादि।

ऐसे में यह सवाल आपके मन में जरूर आ रहा होगा। इसका उत्तर है हां। आप आसानी से एजुकेशन ऐप तैयार कर सकते हैं। इसके लिए एजुकेशनल एप डेवलपमेंट प्रोसेस की आप हेल्प ले सकते हैं।

एजुकेशनल एप डेवलपमेंट क्या होता है?

अब हम एजुकेशनल एप डेवलपमेंट के बारे में बात करें, तो यह प्रक्रिया ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें virtual learning applications तैयार किए जाते हैं।

यह ऐप स्टूडेंट, चिल्ड्रन, कैंडिडेट, एक्सपर्ट, ऑनलाइन कोर्स प्लेटफार्म, educational institutions इत्यादि को टारगेट करते हैं। सबसे बढ़िया एजुकेशन मोबाइल ऐप वह कहे जाएंगे, जो यूजर की जरूरत को meet करते हैं।

एजुकेशनल इंडस्ट्री में मोबाइल ऐप बनाने के क्या फायदे होते हैं?

चलिए एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं में अब जानते हैं कि, जब कोई भी एजुकेशनल इंडस्ट्री में मोबाइल में तैयार करता है, तो उसके क्या-क्या फायदे देखने को मिल जाते हैं।

1. पेपर वर्क कम हो जाता है

किसी भी एजुकेशन एप्लीकेशन के इस्तेमाल से पेपर वर्क बहुत कम हो जाता है। इसके लिए स्टूडेंट्स को किसी प्रकार के पेपर वर्क को करने की रिक्वायरमेंट नहीं होती है।

वह सिंपली study material को डाउनलोड कर सकते हैं और फिर वह learn करना शुरू कर सकते हैं इसके अलावा ऐसे ऐप होते हैं, जहां पर आसानी से मैटेरियल को कीवर्ड का इस्तेमाल से find किया जा सकता है।

इससे समय बचता है और स्टूडेंट को इससे लिखने की रिक्वायरमेंट भी नहीं होती है।

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2. कम्युनिकेशन इंप्रूव हो जाता है

जो भी ऐसे Gamified education होते हैं, उनके इस्तेमाल से कम्युनिकेशन इंप्रूव हो जाता है। क्योंकि वह पेरेंट्स, टीचर, स्टूडेंट आदि के बीच कम्युनिकेशन को प्रमोट करते हैं।

इसका मतलब ऐसे ऐप के इस्तेमाल से टीचर अपने बच्चों से बात कर सकते हैं, बच्चे बोलकर अपना प्रॉब्लम पूछ सकते हैं, या फिर उनके पैरेंट्स अपने बच्चों की progress टीचर से पूछ सकते हैं।

3. प्रोग्रेस को मॉनिटर किया जा सकता है

अब जो भी एजुकेशन एप्लीकेशंस होती है, वहां पर फीडबैक देने की सुविधा भी मिल जाती है। ऐसे में टीचर किसी बच्चे को कुछ बताता है, बच्चे को अगर तो वह समझ जाता है, तो बच्चा अपना फीडबैक देता है।

कहने का मतलब यह है कि, student achievement पर यहां पर फीडबैक की सुविधा भी मिल जाती है।

इसके अलावा टीचर भी स्टूडेंट्स को उनके कंडक्ट और प्रोग्रेस की बेसिस पर Real-time Feedback दे सकते हैं। इससे प्रोग्रेस को इंप्रूव किया जा सकता है।

यह कुछ फायदे भी एजुकेशन ऐप के देखने को मिलते हैं?

आपको जब आप एजुकेशन ऐप का इस्तेमाल करते हैं, तो ऐसे में टीचर को customized learning plan क्रिएट करने को मिल जाता है। इसके अलावा इनके इस्तेमाल से लर्निंग प्रोसेस को भी इंप्रूव किया जाता है।

आप एक ही बार में एक से ज्यादा लोगों तक यहां से पहुंच सकते हैं और इंगेजमेंट भी आप यहां पर इंक्रीज कर सकते हैं।

एजुकेशन ऐप कैटेगरी की संख्या कम है या अधिक है?

जो इंटरेस्टिंग टॉपिक हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं। वह यह की क्या जो एजुकेशन ऐप होते हैं, उनकी संख्या अधिक रहती है या फिर दूसरे कैटेगरी के ऐप्स की संख्या अधिक रहती है।

यहां पर सबसे टॉप में तो इन गेमिंग एप्स आते हैं। इसके बाद बिजनेस एप्स आते हैं और तब जाकर एजुकेशन अप आते हैं। कहने का मतलब यह है कि, तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा एजुकेशन ऐप को ही लोगों द्वारा डाउनलोड किया जाता है।

एजुकेशन ऐप किस तरीके से बनाएं?

एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं में चलिए अब जानते हैं स्टेप बाय स्टेप कि, कैसे आप एजुकेशन ऐप बिल्ड कर सकते हैं।

1. ऐप के मिशन और ऑडियंस को करें डिफाइन

सबसे पहले यह समझना है कि, आपके ऐप का गोल क्या है इसके लिए आपको यह देखना है कि, कौन से ऐसा गोल है, जिसके लिए आप अपना ऐप बिल्ड करना चाहते हैं।

क्या यह ऐसा ऐप है, जो educating users के पार्टिकुलर टॉपिक पर फोकस है, या यूजर को स्किल acquire करने के लिए है इत्यादि।

इसके बाद आपको टारगेट ऑडियंस भी फाइंड करना है। आपको यह देखना है कि, आपको किस प्रकार के बच्चों पर कंसंट्रेट करता है और फिर ideal audience को होल्ड करने के लिए आपको किस प्रकार की requirements होगी।

2. अब करें मार्केट एनालिसिस

इसके बाद जो मुख्य काम आपको करना है। वह यह कि, आपको जो भी ऑनलाइन एजुकेशन ऐप्स हैं, उनकी एनालिसिस करनी है।

आपको उनको इन्वेस्टिगेट कर उनके फीचर्स, pricing structure, किस प्रकार के कमेंट्स वे यूजर्स से रिसीव कर रहे हैं, इत्यादि देखना है।

आपको एजुकेशनल app के टाइप्स को सेलेक्ट करना है, जो आपको चाहिए। इसके बाद फिर अपने competitors को आपको analyse करना है।

जब आप ऐसा करते हैं, तो इससे आपको एजुकेशनल एप्स मार्केट में voids को पहचान को मिल जाएगा और आप फिर उन पार्टिकुलर रिक्वायरमेंट के लिए अपने ऐप को मॉडिफाई कर पाएंगे।

3. अब ऐप के फीचर्स और Functionality को करें प्लान

इसके बाद अपने ऐप के फीचर्स और फंक्शनैलिटी को आपको प्लान करना होगा। इसके लिए यूजर फीडबैक का आप जरूर इस्तेमाल करें।

आप इसके लिए जगह अलग-अलग प्ले स्टोर पर जा सकते हैं और एजुकेशन मोबाइल एप्स पर जाकर वहां पर कमेंट्स आप देख सकते हैं।

वहां से आप यूजर के viewpoints के बारे में पता कर पाएंगे। इसके अलावा आप polls conduct कर सकते हैं, जहां से आप अपने prospective users से डायरेक्ट फीडबैक प्राप्त कर सकते हैं।

4. अब No-Code Platform करें सिलेक्ट

अब जब आप अपने ऐप के फीचर्स, Functionality आदि को डिसाइड कर लेते हैं, तो उसके बाद आपको एक एप बिल्डर सेलेक्ट करना है।

ढेर सारे एप बिल्डर मार्केट में है, तो आपको options available होती है, उनको कंपेयर करने हैं। फिर अपनी requirement पर बजट के अनुसार ऐसा एप बिल्डर आपको इस्तेमाल करते हैं, जहां पर बिना कोडिंग कि आप ऐप तैयार कर पाएंगे।

5. अब UX और UI करें डिजाइन

इसके बाद आपको जब आप किसी एक प्लेटफार्म को सेलेक्ट कर लेते हैं, तो ऐप ले यूजर इंटरफेस इत्यादि को आपको डिजाइन करना होगा।

आपको वहां पर इसके लिए सजेशन भी मिल जाते हैं। यूजर एक्सपीरियंस की बात करें, तो यह age इत्यादि के साथ vary करती है।

6. लर्निंग path को करें कस्टमाइज

जो भी लर्निंग एप होते हैं, वह personalizing learning में बहुत अच्छे होते हैं। ऐसे में आपको लर्निंग path को कस्टमाइज करना होगा।

आपको ऐसे ऐप को imagine करना है, जो आपके लर्निंग स्टाइल, pace, प्रेफरेंस इत्यादि को जान सके। इससे आपको बच्चों को यह फ्रीडम दे पाएंगे कि, वह अपने adventure सेलेक्ट कर पाए।

जब आप Learning Paths को कस्टमाइज करते हैं, तो यह प्रोग्रेस ट्रैकिंग करने में भी हेल्पफुल रहता है। यूजर के अचीवमेंट के insights यहां पर देखे जा सकते हैं। इससे मोटिवेशन और टारगेट इंप्रूवमेंट भी बूस्ट होता है।

7. ऐप टेस्ट कर करें Refine

अब इसके बाद ऐप डेवलप करने के बाद यह एक स्टेप है। यजन पर आपको अपने ऐप को टेस्ट करना है। आपको ऐप को manual तरीके से और ऑटोमेटिक तरीके से टेस्ट करना है, जिससे कि लर्निंग प्लेटफॉर्म को आप ऑप्टिमाइज कर पाए।

इसके बाद आपको अपने ऐप को लॉन्च करना होगा, जिसके लिए एप्पल एप स्टोर, गूगल प्ले स्टोर की आप हेल्प ले सकते हैं और फिर इसके बाद आपको app के रिलीज होने के बाद active presense मेंटेन करनी होगी, जिससे कि आप यूजर के फीडबैक को सुन पाए और bugs को क्लियर कर पाएं।

8. अब अपने ऐप को लॉन्च करने के बाद प्रमोट करें

इसके बाद अपने ऐप को गूगल या एप्पल एप्लीकेशन स्टोर पर अवेलेबल कर सकते हैं और अपने ऐप को आप प्रमोट कर सकते है। इसके लिए अलग-अलग तरह के strategy आप अपना सकते हैं।

एजुकेशन ऐप में कौन-कौन से फीचर ऐड करने होंगे? 

चलिए एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं जानने के बाद अब जानते हैं कि, ऐसे कौन-कौन से फीचर है, जो आपको अपने एजुकेशन ऐप में डालने की जरूरत होगी।

इसमें सबसे पहले तो आपको साइन अप और login फीचर जरुर डालना होगा। यूजर प्रोफाइल की सुविधा भी आप दें, जिससे कि वह अपने शेड्यूल को मैनेज कर पाए, ऐप ब्राउज़ कर पाए, अपनी प्रोग्रेस को आप ट्रैक कर पाए।

इसके साथ ही अलग-अलग प्रकार के study sources आप उन्हें दे। इसमें आप audio course, written exersise, videos, लाइव स्ट्रीम, लेक्चर इत्यादि दे सकते हैं।

Push notifications की सुविधा आप दें। जिससे अगर कोई बच्चा लाइव क्लास join करना चाहता है, तो उसे नोटिफिकेशन मिल पाए।

आपको एक Powerful Search Function भी देना होगा, जिससे कि वह अपने specific area या चीज को सेलेक्ट कर पाए।

सोशल नेटवर्किंग की सुविधा देना भी बहुत बेहतर रहेगा, जिससे कि, वह अपनी प्रोग्रेस को दूसरे लोगों के साथ शेयर कर पाए।

साथ ही वह अपनी प्रोग्रेस को मॉनिटर कर पाएंगे। इसके लिए आप statistics analytics इत्यादि की सुविधा भी दे सकते हैं।

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FAQ: एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं से अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

किसी भी प्रकार के एजुकेशन एप्लीकेशन को बनाने में कितना खर्चा होता है?

इसकी रेंज की बात करें, तो इसमें $10000 से 30000 डॉलर के बीच खर्चा हो सकता है। हालांकि यह आपके ऐप में क्या फीचर है, क्या रिक्वायरमेंट आपको है, इसके अकॉर्डिंग ये vary करता है।

एप डेवलपमेंट कंपनी को सेलेक्ट करने से पहले किन चीजों का ध्यान रखें?

जब आप एजुकेशन ऐप तैयार करते हैं, तो उसके लिए एप डेवलपमेंट कंपनी को ही आपको सेलेक्ट करना होगा। इसके लिए कुछ चीज आप ध्यान रखें। सबसे पहले आप कस्टमर के रिव्यू और फीडबैक चेक करें।

आप उसके एक्सपीरियंस, पोर्टफोलियो के भी चेक करें, एजुकेशन app का डिजाइन क्या है, डेवलपमेंट स्टैंडर्ड क्या है, यह भी आप चेक करें। साथ ही डेवलपमेंट टीम का साइज कितना है, यह भी आप जरूर चेक करें।

कैसे मैं अपना खुद का एजुकेशनल ऐप तैयार कर सकता हूं?

इसके लिए ऊपर बताए गए टिप्स को फॉलो कर सकते हैं। वहां से आप एजुकेशन ऐप तैयार कर सकते हैं।

क्या एजुकेशनल एप फ्री में भी तैयारी किया जाता है?

जी हां, कुछ ऐसी वेबसाइट होती है यानी एप बिल्डर होते हैं, जहां से आपको फ्री में भी अप बिल्ड करने को मिलता है। लेकिन अगर आप उनके paid version लेते हैं, तो इससे आप एप्लीकेशन को और भी जबरदस्त बना पायेंगे।

सलाह

आज आपको एजुकेशन ऐप कैसे बनाएं के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें आपको बताया गया कि, अगर कोई एजुकेशन app तैयार करना चाहते हैं, तो उसके लिए वह किस-किस तरीके के फीचर्स को consider कर सकता है और क्या इसके फायदे होते हैं इत्यादि।

हमें उम्मीद है कि, आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा, तो इसी प्रकार के टिप्स और ट्रिक के लिए हमारे साथ बने रहे।